FIR का पुरा मतलब क्या होता है? । FIR Full form & Difference between FIR and NCR

FIR का पुरा मतलब क्या होता है? । FIR Full form & Difference between FIR and NCR


आपको पता है की क्राईम दो तरह के होते है, Cognizable और Non-Cognizable.  Cognizable मतलब सिरीयस अपराध और Non Cognizable मतलब जो की उतने सिरीयस नही है। कॉग्निझेबल मे मर्डर, किडनपिंग जैसे अपराध आते है। नॉन कॉग्निझेबल अपराध मे cheating, fighting, defamation एसी चीजे आती है। 

लोग अकसर सोचते है की कुछ भी गलत हो जाये तो FIR ही फाईल करना होता है और वह FIR सोचके ही फाईल करते है। FIR का फुल फॉर्म होता है First Information Report! हिंदी मे इसे प्रथम सूचना विवरण कहते है। Cognizable Affence मतलब सिरीयस अपराध का स्टारटिंग पॉईंट FIR होता है। पोलीस स्टेशन मे यह अपराध किया जाता है। सिरीयस अपराध के लिये ही यह FIR फाईल होता है। 

इस डॉक्युमेंट मे क्राईम क्या हुआ, कैसे हुआ, किसके साथ हुआ, किसके चलते हुआ, क्या क्या पॉसीबल लिंक्स है यह लिखा हुआ होता है। 

FIR से जुडी और एक चीज होती है NCR! दिल्ली NCR नही यह अलग ही NCR है। जब भी कोई छोटा मोटा क्राईम होता है तब यह NCR फाईल किया जाता है। उसको Non Cognizable Report कहते है। FIR सब जानते है लेकीन बहोत कम लोग FIR और NCR के बीच डिफ्रेंस समझते है। लोग पुलिस स्टेशन मे जाके छोटे केसेस के लिये FIR फाईल करणे को बोलते है लेकीन वह NCR फाईल होता है। 

किसिको भी जब लगता है की उसके साथ सिरीयस क्राईम हुआ है तब वो FIR दर्ज कर सकता है, लेकीन पुलीस उसको अच्छे से इंस्पेक्ट करती है और तभी FIR लिखती है। जादातर केसेस मे पुलीस को लिखना ही पडता है क्योंकी सबका राईट है की वह FIR दर्ज कर सके। 

इसके बाद एक सवाल आता है की कोई भी किसीं के भी खिलाफ FIR दर्ज करता है तो वह गलत भी हो सकता है ना? जब कोई किसीसे जलता है या दुश्मनी है तो FIR फाईल कर सकता है, फिर तो मतलब यह प्रॉपर सिस्टम नही है? 

इसिलीये लॉ ऐसा बनाया गया है की अगर कोई false FIR करता है और वह प्रुव्ह हो जाता है तो उसे 2 साल की जेल होती है। इसलीये यह सिस्टम सही है, आजकल false FIR बहोत बढ रहा है। 

और हा NCR जिसके बारे मे बहोत कम लोग जानते है उसको FIR मत कहना। मानलो किसी इंसान का पर्स खो गया, उसके पर्स मे 80,000 रुपय थे। वह पुलीस स्टेशन मे जाता है और सोचता है की मे FIR दर्ज करू, लेकीन पुलीस वहा NCR लिखती है। लेकीन अगर कोई लाखो रुपय का चोरी करता है और किसींपे शक होता है तो किया जाता है FIR! पुलीस मे बहोत अलग रिपोर्ट होते है लेकीन मेजरली यह दो FIR और NCR जादा जरुरी है।

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