मुंबई के रोचक तथ्य


कांदिवली के निगट उत्तरी मुंबई मे पाये गये अवशेष से ये पाया गया की यह द्वीप समूह पाषाणयुग से बसा हुआ है। मानव आबादी के लिखित प्रमाण करीब 2300 साल पुराणे है जब इसे हैबटन एशिया कहा जाता था।

तिसरी शताब्दी ईसा पूर्व में ये द्वीप समूह मौर्य साम्राज्य का भाग बने जब बौद्ध सम्राट अशोक मौर्य यहा का शासन था। मुंबई की मालकी पे शुरुवाती समय मे सवाल है यहा सातवाहन और इंडो सायथीयन वेस्टर्न सेट्रप के बीच हमेशा विवाद रेहता। इसमे जित हमेशा सातवाहन की रही।

1543 मे गुजरात के शासक से पोर्तुगाल ने यह द्वीप हतीया लिया। और पुरे द्वीपसमूह पे पोर्तुगालियोंका राज रहा।


इन सात टापुओंके बारे मे जाण लेते है!

कोलाबा

कोली समुदाय का वास्तव्य यहा है। इसका पोर्तुगाल के समय कंदील आयलंड यह नाम था।

छोटा कोलाबा

इसे बुढी औरत का आयलंड भी कहा जाता है। यह आज के कोलाबा के उत्तर मे सबसे छोटा भूभाग था, इसे अलख ओमानी केहते थे क्यूँकी यहा के मच्छवारे मच्छली की तलाश मे ओमान तक हो आते थे।

वरली

वरली का टापू आज का हाजी अली का दर्गा है। 1784 मे यह मुंबई शहर से जोडा गया।

मजगाऊ

दक्षिण मुंबई का जादातर हिस्सा आज मजगाऊ की ही देणं है। सतरावी शताब्दी के अंत तक मजगाऊ मुंबई शहर की शक्ले ले चूका था।

परेल

इतिहासकार बताते है की तेरावी शताब्दी मे यह टापू हिंदू राजा भीमदेव के कब्जे में था। बादमे पोर्तुगाल के पास और यह टापू पे मुंबई के गव्हर्नर ने अपनी रियाईश बनाई तब यह जादा चर्चा मे आ गया।

माई

 राजा भीमदेव के शासन में यह इसकी राजधानी हुआ करती थी। बादमे मुस्लिम शासकोने यहा कब्जा कर लिया। बादमे यह पोर्तुगालियोंके पास और वहा से अंग्रेजोंके पास यह टापू चला गया।

बॉम्बे टापू

मुंबई का सबसे पुराना टापू जिसका जिकर मौर्य कालीन इतिहास मे भी मिलता है। आजकी डोंगरी से लेकर मालाबार हिल तक यह टापू फैला हुआ है।

1687 मे ईस्ट इंडिया कंपनी ने अपना केंद्र सुरत से उठाके मुंबई मे बसा लिया। तब इस ईलाके का नाम बॉम्बे प्रॉव्हिन्स हुआ करता था।

माहीम और सायन के बीच 1708 मे एक causeway बनाया गया।

1772 मे सेंट्रल मुंबई मे आनेवाले बाढ को रोकने के लिये महालक्ष्मी और वरली को जोडा गया और इसको सबसे पुराना गैरकानूनी काम कहा जाता है और इसके गुन्हेगार है गव्हर्नर विल्यम हेरर्वी।

बॉम्बे का मतलब होता है खुला हुआ शहर! यह भारत का उस समय प्रवेशव्दार था।


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